STORYMIRROR

बयार फगुनी नीर रे बहे रक्त जैसे पानी बहे जा रहा है! विद्या मुक्ति दे जीवन जीने की युक्ति दे अनुकरणीय हो निज आचरण पथ प्रदर्शन बहे प्रेम सरित समाज में उजियारा जिज्ञासु-ज्ञान पिपासु रहें

Hindi बहे लागल Poems